कविसम्मेलन_२००९ रिपोर्ट

>> Tuesday, March 24, 2009

'होली के रंग कवियों के संग"
१४ मार्च २००९, फिलेडेल्फिया, यू एस ए, होली के सुअवसर पर फिलेडेल्फिया के समीप भारतीय कल्चरल सेंटर के सभागृह में 'होली के रंग कवियों के संग"' नामक कवि सम्मेलन का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र और ई-कविता याहूग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ में आयोजकों की ओर से उमेश ताम्बी ने सभी कवियों को काव्यात्मक शैली में मंच पर आमंत्रित किया, वॉशिंगटन डीसी से पधारे आशु कवि श्री राकेश खंडेलवाल ने माँ सरस्वती की वन्दना करी और बखूबी से मंच संचालन किया साथ ही साथ श्रृंगार रस और हास्य रस की आनंदित करने वाली रचनाएँ सुनाई केलिफोर्निया से पधारी अर्चना ने सामान्य जीवन पर चुनी हुयी कवितायेँ हास्यास्पद शैली से पेश कीं और श्रोताओं को प्रभावित किया, श्रीमती बीना तोडी, श्रीमती विशाका ठाकर ने होली की और अन्य रचनाये सुनाई, न्यू जर्सी से आये ई-कविता याहूग्रुप के संचालक श्री अनूप भार्गव नें अपनी छोटी छोटी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया, फिलेडेल्फिया के कवि श्री घनश्याम गुप्त नें भी अपनी कुछ रचनाएँ सुनाईं। इस दौरान उपरोक्त पांच रचनाकारों द्वारा रचित "धूप, गंध और चांदनी " नमक काव्य संग्रह का विधिवत विमोचन एवं लोकार्पण श्री नन्द तोडी द्वारा किया गया कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्य प्रेमी उमेश ताम्बी नें होली के प्रसंग में तथा बुनियादी और सामायिक विषयों पर हास्य व्यंग से जुड़ी अपनी रचनाये प्रस्तुत की श्री प्रवीण शर्मा और रवि मालवीय ने भी अपनी काव्यात्मक प्रतिभा का परिचय दिया सियाटेल वॉशिंगटन से आये हास्य और व्यंग रस के बादशाह श्री अभिनव शुक्ल ने शुरू में अपनी अनोखी शैली में श्रोताओं को गुदगुदाया तत्पश्चात लगातार व्यंग और हास्य की फुहार से हिन्दी प्रेमी श्रोताओं को भाव विभोर किया और हंसी का खजाना लुटा दिया वाह-वाह, हंसी के ठहाकों और तालियों की गडगडाहट से समस्त सभागृह गूंज उठा ...लगभग चार घंटों तक सभी नें हास्य और रसमयी कविताओं का रसास्वादन किया। हास्य, व्यंग्य, गीतों तथा ग़ज़लों से सजी शाम के आयोजन का यह तीसरा वर्ष है जो की इस क्षेत्र में असामान्य और प्रशंसनीय है कार्यक्रम के सफल आयोजन में अन्य लोगों के साथ अतुल अरोरा, नीता एवं प्रवीण शर्मा, विपुल राठोड,श्रीमती सरोजा, रिता एवं दिलीप शेट, वंदना ताम्बी, रीतू नेगी, मो.सरदाना इनका योगदान सराहनीय है अंत में नन्द टोडी एवम सचिव संजीव ज़िदल नें काव्यमयी मधुर शाम के लिए सभी कवियों, आयोजकों और श्रोताओं को धन्यवाद दिया। होली मिलन और जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ

छाया चित्र :

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