कवि सम्मलेन २००८

>> Monday, March 23, 2009



'होली के रंग कवियों के संग २९ मार्च २००८, फिलेडेल्फिया, यू एस ए, होली के सुअवसर पर फिलेडेल्फिया स्तिथ भारतीय टेंपल भवन में 'होली के रंग कवियों के संग"' नामक कवि> सम्मेलन का आयोजन 'भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र' के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ वॉशिंगटन डीसी से पधारे आसु कवि श्री राकेश खंडेलवाल ने माँ सरस्वती की वन्दना करी तथा अपने श्रृंगार रस और हास्य रस की आनंदित करने वाली रचनाएँ सुनाई और लगभग चार घंटों तक सभी नें कविताओं का रसास्वादन किया। हास्य, व्यंग्य, गीतों तथा ग़ज़लों से सजी शाम का आयोजन इस क्षेत्र में असामान्य और प्रशंसनीय है न्यूयार्क से पधारी प्रख्यात कवित्री डा बिन्देश्वरी अगरवाल ने अपनी अनूठी हास्यास्पद शैली में मनोरंजन किया , न्यू जर्सी से पधारे अनूप भार्गव नें अपनी छोटी छोटी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया तथा वहीं श्री हरभगवान शर्मा ने हरियाणवी शैली में कविताओं से सबको गुदगुदाया। फिलेडेल्फिया के कवि घनश्याम गुप्त नें अपनी कुछ रचनाएँ सुनाईं। श्री जोहरी जी जो वृन्दावन से पधारे थे अपनी होली की और हास्य रचना से सभा को सबोधित किया। श्री प्रवीण शर्मा ने अपनी काव्यात्मक प्रतिभा से परिचित कराया और रितु नेगी ने होली के प्रसंग में रचना पढी कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्य प्रेमी उमेश ताम्बी नें अपनी अपनी काव्य यात्रा की शुरुवात की, बुनियादी विषयों पर हास्य व्यंग से जुड़ी मौलिक रचनाओ और चुटकियों से हिन्दी प्रेमी श्रोताओं को अचंभित और भाव विभोर किया।

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